Green energy : हाल ही में KPI Green Energy Limited को SJVN Limited के साथ 200 मेगावॉट (AC) सोलर प्रोजेक्ट लगाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। यह प्रोजेक्ट गुजरात के खवड़ा स्थित GIPCL रिन्यूएबल एनर्जी पार्क में डेवलप किया जाएगा। इस डील की कुल वैल्यू ₹696.50 करोड़ है और इसमें पूरा जिम्मा KPI Green को दिया गया है—यानी सप्लाई, निर्माण, इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग और कमीशनिंग।
प्रोजेक्ट का विस्तार
KPI Green Energy इस प्रोजेक्ट में सारे तकनीकी इक्विपमेंट की सप्लाई करेगी, जिसमें सोलर पैनल और जरूरी मशीनरी शामिल है। कंपनी निर्माण, इंस्टॉलेशन और साइट की निगरानी की पूरी जिम्मेदारी निभाएगी। प्रोजेक्ट पूरी तरह तैयार होने के बाद KPI Green उसकी टेस्टिंग और कमीशनिंग भी करेगी। कंपनी का दावा है कि वो निर्धारित समय में उच्च क्वालिटी के साथ ये प्रोजेक्ट पूरा करेगी।
खवड़ा में 845 MWp से ज्यादा की मौजूदगी
इस नए आर्डर के साथ KPI Green की गुजरात के खवड़ा रिन्यूएबल पार्क में मौजूदगी 845 MWp (डायरेक्ट करंट) से ज्यादा हो गई है। यह भारत के सबसे बड़े रिन्यूएबल हब्स में से एक है। इससे कंपनी की EPC (Engineering, Procurement, and Construction) सर्विसेज और रिन्यूएबल सेक्टर में लीडरशिप मजबूत होती है।
शेयर प्राइस
KPI Green Energy का शेयर 14 नवंबर 2025 को ₹469 पर बंद हुआ। बीते 5 वर्षों में कंपनी के शेयर ने करीब 7000% के रिटर्न दिए हैं। पिछला एक साल कंपनी के लिए हल्का उतार-चढ़ाव वाला रहा, जिसमें लगभग 6% की गिरावट दर्ज की गई। शेयर के लिए 52-week low ₹313 और 52-week high ₹588.8 रहा है। कंपनी का मार्केट कैप ₹9,263 करोड़ तक पहुंच गया है।
हाल की वित्तीय स्थिति
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) में KPI Green की consolidated revenue 4.4% quarter-on-quarter और 77.4% year-on-year बढ़ी। इसी अवधि में कंपनी का net profit 67% बढ़ा और EPS (Earnings Per Share) 5.5 रहा। वर्तमान PE Ratio 28 है और PB Ratio 4.24 के आसपास है। Mutual Fund holdings 0.26% हैं। कंपनी ने अपना ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन लगभग 34% और नेट प्रॉफिट मार्जिन लगभग 17% दर्ज किया है.
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सेक्टर में रणनीतिक बढ़त और भविष्य की दिशा
KPI Green Energy भारत के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अपने प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार काफी तेजी से कर रही है। कंपनी ने आईपीपी (Independent Power Producer) और सीपीपी (Captive Power Producer) दोनों सेंगमेंट में कामयाबी दर्ज की है और अब सरकारी बड़े ऑर्डर्स की तरफ अग्रसर हो रही है. तेजी से बढ़ते सोलर प्रोजेक्ट्स और EPC सर्विसेज के विस्तार से कंपनी अपनी ग्रोथ को बनाए रखने की कोशिश कर रही है।
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